आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की लिरिक्स

हिंदुस्तान, आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं हिंदुस्तान की, आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान, आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी, आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं हिंदुस्तान, बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की, तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की, आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की, झांकी हिंदुस्तान की, हिंदुस्तान की, आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की इस मिट्टी से तिलक, इस मिट्टी से तिलक करो, आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं धरती हिंदुस्तान की, आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की इस मिट्टी से, आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान से,इस मिट्टी से तिलक करो यह धरती है बलिदान की, आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की इस मिट्टी से तिलक करो, इस मिट्टी से तिलक करो धरती है बलिदान की, आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं धरती है बलिदान की, आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की इस मिट्टी से तिलक, आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं धरती है बलिदान की, आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की इस मिट्टी से तिलक करो,aao bachcho tumhe dikhayen, aao bacchon tumhen dikhayen jhanki hindustan ki, jhanki hindustan ki, aao bacchon tumhen dikhayen jhanki hindustan, hindustan ki, aao bacchon tumhen sikhayen, aao bacche tumhen dikhayen, vande mataram vande mataram, vande mataram, aao bachcho tumhen dikhayen jhanki hindustan ki, vande mataram song,desh bhakti geet,aao bachcho tumhe dikhaye jhanki hindustan ki song,aao bacche tumhen dikhayen jhanki hindustan ki

इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की लिरिक्स

आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की,
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की,
वंदे मातरम, वंदे मातरम

उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट है,
दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है,
जमुना जी के तट को देखो गंगा का ये घाट है,
बाट-बाट में हाट-हाट में यहाँ निराला ठाठ है,
देखो ये तस्वीरें अपने गौरव की अभिमान की,
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती हैं बलिदान की,
वंदे मातरम, वंदे मातरम

ये है अपना राजपूताना नाज़ इसे तलवारों पे,
इसने सारा जीवन काटा बरछी तीर कटारों पे,
ये प्रताप का वतन पला हैं आज़ादी के नारों पे,
कूद पड़ी थी यहाँ हज़ारों पद्मिनियाँ अंगारों पे,
बोल रही है कण कण से कुरबानी राजस्थान की,
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की,
वंदे मातरम, वंदे मातरम

देखो मुल्क मराठों का यह यहाँ शिवाजी डोला था,
मुग़लों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था,
हर पर्वत पे आग जली थी हर पत्थर एक शोला था,
बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था,
शेर शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की,
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की,
वंदे मातरम, वंदे मातरम

जलियाँवाला बाग ये देखो यही चली थी गोलियाँ,
ये मत पूछो किसने खेली यहाँ खून की होलियाँ,
एक तरफ़ बंदूकें दन दन एक तरफ़ थी टोलियाँ,
मरनेवाले बोल रहे थे इन्कलाब की बोलियाँ,
यहाँ लगा दी बहनों ने भी बाजी अपनी जान की,
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की,
वंदे मातरम, वंदे मातरम

ये देखो बंगाल यहाँ का हर चप्पा हरियाला है,
यहाँ का बच्चा-बच्चा अपने देश पे मरनेवाला है,
ढाला है इसको बिजली ने भूचालों ने पाला है,
मुट्ठी में तूफ़ान बंधा है और प्राण में ज्वाला है,
जन्मभूमि है यही हमारे वीर सुभाष महान की,
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की,
वंदे मातरम, वंदे मातरम

आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की इस मिट्टी से तिलक करो

गीत - आओ बच्चों तुम्हें दिखाए
फिल्म - जागृति 1954
गायक - कवि प्रदीप
संगीतबद्ध - हेमंत कुमार

यह भी पढ़ें »

टिप्पणियाँ