📅 हर दिन किस देवता की पूजा करें और क्यों | Weekly Devta Worship Guide
हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवता को समर्पित होते हैं। यदि हम वार के अनुसार पूजा करें, तो न केवल ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि जीवन में सुख, शांति और सफलता भी आती है। आइए जानते हैं हर दिन किस देवता की पूजा करनी चाहिए और क्यों।
🌞 रविवार – सूर्य देव
- क्यों: सूर्य देव को शक्ति, आत्मबल और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है।
- पूजा विधि: प्रातःकाल तांबे के लोटे में जल, लाल फूल और अक्षत डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।
- लाभ: मान-सम्मान, ऊर्जा और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
🌙 सोमवार – भगवान शिव
- क्यों: सोमवार शिव जी का प्रिय दिन है। यह दिन मानसिक शांति और विवाह संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए श्रेष्ठ है।
- पूजा विधि: शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र अर्पित करें।
- लाभ: मन की शांति, रोगों से मुक्ति और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।
🔥 मंगलवार – हनुमान जी
- क्यों: यह दिन साहस, बल और शत्रु नाश के लिए हनुमान जी को समर्पित है।
- पूजा विधि: हनुमान जी को सिंदूर, चमेली का तेल और गुड़ चढ़ाएं।
- लाभ: भय, बाधा और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।
🐘 बुधवार – भगवान गणेश
- क्यों: गणेश जी को बुद्धि, वाणी और शुभारंभ का देवता माना जाता है।
- पूजा विधि: दूर्वा, मोदक और हरे वस्त्र अर्पित करें।
- लाभ: कार्यों में सफलता, वाणी में मधुरता और बुद्धि की वृद्धि होती है।
🌕 गुरुवार – बृहस्पति देव / भगवान विष्णु
- क्यों: यह दिन ज्ञान, धर्म और गुरु तत्व के लिए शुभ है।
- पूजा विधि: पीले वस्त्र पहनें, चने की दाल और केले का दान करें।
- लाभ: वैवाहिक सुख, करियर में उन्नति और गुरु कृपा प्राप्त होती है।
💰 शुक्रवार – माता लक्ष्मी
- क्यों: यह दिन धन, ऐश्वर्य और सौंदर्य की देवी लक्ष्मी को समर्पित है।
- पूजा विधि: सफेद वस्त्र पहनें, खीर या मिठाई का भोग लगाएं।
- लाभ: धन-समृद्धि, सौभाग्य और पारिवारिक सुख में वृद्धि होती है।
🪐 शनिवार – शनि देव
- क्यों: शनि देव कर्मफलदाता हैं और न्याय के प्रतीक माने जाते हैं।
- पूजा विधि: पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं, काले तिल और तेल का दान करें।
- लाभ: शनि दोष, साढ़ेसाती और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
📜 Disclaimer: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि किसी विशेष पूजा विधि को अपनाने से पहले स्थानीय पंडित या विद्वान से परामर्श लें।
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