झूम के नाच रहो पंडा लिरिक्स

झूम के नाच रहो पंडा लिरिक्स | Navratri Jagran Bhajan Lyrics in Hindi

नवरात्रि के पावन अवसर पर प्रस्तुत है जोश और श्रद्धा से भरा हुआ भजन "झूम के नाच रहो पंडा", जो माँ दुर्गा के जागरण की भक्तिमय रातों को जीवंत करता है।

🎶 झूम के नाच रहो पंडा भजन के बोल

झूम के नाच रहो पंडा,
माँ के जगराता में रे,
झूम के नाच रहो पंडा,
माँ के जगराता में रे,

जगराता में रे, ओ पंडा जगराता में रे,
जगराता में रे, ओ पंडा जगराता में रे,
झूम के नाच रहो पंडा,
माँ के जगराता में रे,

सबसे पहले जो पंडा तो,
माँ को लाल कहाये,
जो पंडा माँ को लाल कहाये,
नौ दिन की नवरात्रि माँ के हो,
रंग में रंग जाये,

झूम के नाच रहो पंडा,
माँ के जगराता में रे,

होके दीवाना भक्ति में वो,
माँ के ही गुण गाये रे पंडा,
सारे भक्तों के संग,
देखो नाचें गाये,

झूम के नाच रहो पंडा,
माँ के जगराता में रे,

जगराता में रे,
ओ पंडा जगराता में रे
झूम के नाच रहो पंडा,
माँ के जगराता में रे

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🌸 भजन का सार

यह भजन माँ दुर्गा के जागरण की रात में पंडाओं की श्रद्धा, जोश और भक्ति को व्यक्त करता है। हर पंक्ति में माँ के प्रति प्रेम और भक्तों की भावना गहराई से झलकती है।

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