नंद घर झूले कन्हैया रे,
मां यशोदा झूला रही झूलना रे,
नंद घर झूले कन्हैया रे,
मां यशोदा झूला रही झूलना रे,
आनंद आयो रस बरसाओ,
गोकुल में बजे बधइयां रे बधइयां रे,
नंद घर झूले कन्हैया रे,
मां यशोदा झूला रही झूलना रे,
गोकुल में हो गई सबको खबरिया,
कान्हा को देखन आ गईं गुजरिया,
नंद रानी की सज गई दुआरिया,
सौ घर से गूंजे सारी नगरिया,
नंद बाबा भंडारे उठावे,
देखें कन्हा की सुरतिया रे सुरतियां रे,
ब्रज वाशी मन में हर्षावे,
नाच नाच झूम झूम खुशियां मनावे,
गोप बाल सब देखन को आवे,
मधुर मधुर कान्हा मुस्कावे,
रुनझुन बोले पांव पैजनिया,
लेने कान्हा की वालिया रे,
नंद घर झूले कन्हैया रे,
मां यशोदा झूला रही झूलना रे
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें