नंद घर झूले कन्हैया रे लिरिक्स

नंद घर झूले कन्हैया रे लिरिक्स | Krishna Janmashtami Bhajan in Hindi

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर प्रस्तुत है एक मधुर और आनंदमय भजन "नंद घर झूले कन्हैया रे", जो बाल गोपाल के झूले और गोकुल की खुशियों को जीवंत करता है।

🎶 नंद घर झूले कन्हैया रे भजन के बोल

नंद घर झूले कन्हैया रे,
मां यशोदा झूला रही झूलना रे,
नंद घर झूले कन्हैया रे,
मां यशोदा झूला रही झूलना रे,

आनंद आयो रस बरसाओ,
गोकुल में बजे बधइयां रे बधइयां रे,
नंद घर झूले कन्हैया रे,
मां यशोदा झूला रही झूलना रे,

गोकुल में हो गई सबको खबरिया,
कान्हा को देखन आ गईं गुजरिया,
नंद रानी की सज गई दुआरिया,
सौ घर से गूंजे सारी नगरिया,
नंद बाबा भंडारे उठावे,
देखें कन्हा की सुरतिया रे सुरतियां रे,

ब्रज वाशी मन में हर्षावे,
नाच नाच झूम झूम खुशियां मनावे,
गोप बाल सब देखन को आवे,
मधुर मधुर कान्हा मुस्कावे,
रुनझुन बोले पांव पैजनिया,
लेने कान्हा की वालिया रे,
नंद घर झूले कन्हैया रे,
मां यशोदा झूला रही झूलना रे

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🌸 भजन का भावार्थ

यह भजन श्रीकृष्ण के जन्म के आनंद को दर्शाता है। माँ यशोदा द्वारा झूले में झुलाए जा रहे कन्हैया की छवि, गोकुल की खुशियाँ, और ब्रजवासियों का उल्लास इस गीत में भावनात्मक रूप से प्रस्तुत किया गया है।

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