जय श्री राम,
ये भगवा रंग, ये भगवा रंग,
जिसे देख जमाना हो गया दंग,
जिसे ओढ़ के,
जिसे ओढ़ के नाचें रे बजरंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
ये भगवा रंग, ये भगवा रंग,
ये भगवा रंग है ऋषि मुनियों और संतो का,
ये भगवा रंग है ऋषि मुनियों और संतो का,
हिंद के वीर बालियों का और महंतो का,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
जय श्री राम,
ये रंग रंग लिया मां भारती के वीर लालों ने,
ये रंग रंग लिया मां भारती के वीर लालों ने,
नहीं घुल सकता है ता जिंदगी नदियों न तालों में,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
जय श्री राम,
ये वो रंग है जो जनक लली के मसतक से आया है,
ये वो रंग है जो जनक लली के मसतक से आया है,
जिसे अंजना के लल्ला ने चोले में रंगाया है,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
जय श्री राम,
ये वो रंग है जो श्री राम जी के मन को भाया है,
ये वो रंग है जो श्री राम जी के मन को भाया है,
अवध को छोड़ते समय प्रभु ने तन रंगाया है,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
जय श्री राम,
सुनो जी पार्थ को भारत भूमि में,
सुनो जी पार्थ को भारत भूमि में,
न्याय और नित के पीछे अपनों से लड़ गया,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
जय श्री राम,
ये भगवा रंग, ये भगवा रंग,
जिसे देख जमाना हो गया दंग,
जिसे ओढ़ के,
जिसे ओढ़ के नाचें रे बजरंग,
मुझे चढ़ गया भगवा रंग रंग,
ये भगवा रंग, ये भगवा रंग,
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