दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे,
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे,
हैं सुन्दर रुप मोहनियां,
हैं सुन्दर रुप मोहनियां रे,
प्रथमे दिन मां शैल पुत्री बैल सवारी,
हैं न जिनकी मात ही मंचल राज कुमारी,
हो बनी शिव शंकर की दुल्हनिया,
बनी शिव शंकर की दुल्हनिया रे,
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे,
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे,
दूजे दिन मां ब्रह्मचारिणी रुप निराला,
बांए कमंडल हाथ दाहिने जपती माला,
हो मैया ओढ़े लाल चुनरिया,
मैया ओढ़े लाल चुनरिया रे,
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे,
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे,
तीजे दिन मां चंद्र घंटा रुप तुम्हारा,
महिष मरदनी मात सिंह पर हो अश्वरा,
हो दुःख संताप हरानिया,
हो दुःख संताप हरानिया रे,
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे,
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे,
चौथे दिन कुष्मांडा अष्टभुजी करो आराधन,
अमृत कलशा हाथ करें ब्राम्हण का पोषण,
हैं मधुर मधुर मुस्कनिया,
हैं मधुर मधुर मुस्कनिया रे,
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे,
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे,
पंचम दिवस पे कमल विराजे स्कंदमाता,
चतुर भुजी मां कमल पुष्प है इनको भाता,
है सुन्दर रुप मोहनियां,
है सुन्दर रुप मोहनियां रे,
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे,
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे,
छट्बे दिन में प्रकट भई कात्यायनी माता,
रुप चतुर भुज सोने सी चमके है माता,
सुमंगल मात करानिया,
सुमंगल मात करानिया रे,
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे,
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे,
वाहन गधा पे चढ़ के आवे कालरात्री,
तीन नेत्र और चार भुजाएं कृपा पत्री,
मां असुरर दमन है करानिया,
मां असुरर दमन है करानिया रे,
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे,
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे,
अष्टम दिवस महागौरी मां बैल सवारी,
स्वेतवर्ण श्रृंगार आभूषण शोभा न्यारी,
सोलह श्रृंगार करानिया,
सोलह श्रृंगार करानिया रे,
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे,
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे,
नौवे दिन मां सिद्धिदात्री कमल वष्णी,
सब सिद्धि मां देने वाली वेद प्रकाशनी,
जग पूजे मां के चरणिया,
जग पूजे मां के चरणिया रे,
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे,
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे,
ये शहनाज भवानी निसदिन तुमको ध्यावे,
सुखी रखो संसार शकल जग यहीं मनावे,
बेनाम पाखरे पैया, बेनाम पाखरे पैंया रे,
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे,
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे,
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे,
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे,
हैं सुन्दर रुप मोहनियां,
हैं सुन्दर रुप मोहनियां रे,
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे,
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे,
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