दुल्हनिया रे लिरिक्स | Navdurga Bhajan Lyrics in Hindi
यह भजन माँ दुर्गा के नवरात्रि के नौ रूपों का सुंदर चित्रण करता है, जिसमें माँ को नौ दिनों तक “दुल्हनिया” के स्वरूप में सजाया गया है। भजन में हर दिन की देवी का नाम, उनका वाहन, उनका रूप और उनकी विशेषता को भक्तिपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया गया है। यह भजन सौंदर्य, श्रद्धा और सांस्कृतिक परंपरा का अनुपम संगम है।
🎶 दुल्हनिया रे भजन के बोल
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे
हैं सुन्दर रुप मोहनियां
हैं सुन्दर रुप मोहनियां रे
प्रथमे दिन मां शैल पुत्री बैल सवारी
हैं न जिनकी मात ही मंचल राज कुमारी
हो बनी शिव शंकर की दुल्हनिया
बनी शिव शंकर की दुल्हनिया रे
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे
दूजे दिन मां ब्रह्मचारिणी रुप निराला
बांए कमंडल हाथ दाहिने जपती माला
हो मैया ओढ़े लाल चुनरिया
मैया ओढ़े लाल चुनरिया रे
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे
तीजे दिन मां चंद्र घंटा रुप तुम्हारा
महिष मरदनी मात सिंह पर हो अश्वरा
हो दुःख संताप हरानिया
हो दुःख संताप हरानिया रे
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे
चौथे दिन कुष्मांडा अष्टभुजी करो आराधन
अमृत कलशा हाथ करें ब्राम्हण का पोषण
हैं मधुर मधुर मुस्कनिया
हैं मधुर मधुर मुस्कनिया रे
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे
पंचम दिवस पे कमल विराजे स्कंदमाता
चतुर भुजी मां कमल पुष्प है इनको भाता
है सुन्दर रुप मोहनियां
है सुन्दर रुप मोहनियां रे
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे
छट्बे दिन में प्रकट भई कात्यायनी माता
रुप चतुर भुज सोने सी चमके है माता
सुमंगल मात करानिया
सुमंगल मात करानिया रे
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे
वाहन गधा पे चढ़ के आवे कालरात्री
तीन नेत्र और चार भुजाएं कृपा पत्री
मां असुरर दमन है करानिया
मां असुरर दमन है करानिया रे
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे
अष्टम दिवस महागौरी मां बैल सवारी
स्वेतवर्ण श्रृंगार आभूषण शोभा न्यारी
सोलह श्रृंगार करानिया
सोलह श्रृंगार करानिया रे
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे
नौवे दिन मां सिद्धिदात्री कमल वष्णी
सब सिद्धि मां देने वाली वेद प्रकाशनी
जग पूजे मां के चरणिया
जग पूजे मां के चरणिया रे
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे
ये शहनाज भवानी निसदिन तुमको ध्यावे
सुखी रखो संसार शकल जग यहीं मनावे
बेनाम पाखरे पैया
बेनाम पाखरे पैंया रे
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे
हैं सुन्दर रुप मोहनियां
हैं सुन्दर रुप मोहनियां रे
दुल्हनिया रे, दुल्हनिया रे
नौ दिन बनी माँ दुल्हनिया रे
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🕉️ भजन का भावार्थ
इस भजन में नवरात्रि के नौ दिन माँ के नवदुर्गा स्वरूपों की झांकी प्रस्तुत की जाती है। हर दिन माँ को एक खास रूप और वाहन के साथ दुल्हनिया के रूप में सजाया जाता है — जहाँ माँ की शक्ति, सौंदर्य और भक्तों की श्रद्धा भावपूर्ण पंक्तियों के माध्यम से दर्शाई जाती है।
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