संकट हरलो मंगल कर दो,
प्यारे शिव गौरा के लाल,
अब विनती सुन लो गणपति देवा ।।
हे गणनायक देव गजानन, मूषक चढ़कर आओ,
हाथ जोड़कर द्वार खड़े हैं, अब न देर लगाओ,
गजानन जल्दी से तुम आओ,
आ करके अपने भक्तों का तुम जान लो दिल का हाल,
अब विनती सुन लो गणपति देवा ।।
तुमको न बतलाए तो हम, अपनी किसे बताए,
तुम ही बता दो सिद्धि विनायक किसके द्वार पे जाए,
बताओ किस को अपनी सुनाए,
दुख के बदल ने घेरा हमें, संकट का फैला जाल,
अब विनती सुन लो गणपति देवा ।।
संकट हरता संकट काटो, चारों तरफ तेरा राज,
कर दो अब खुशियों की वर्षा, हे गणपति महाराज,
हमारे पूरण कर दो काज,
सबके पूरण तुम काम करो, जग में है तेरी मिशाल,
अब विनती सुन लो गणपति देवा,
टूट रही है आस की डोरी, डोल रहा विश्वास,
अब तो हमें तुम अपनी दया का, दे दो प्रभु प्रसाद,
कहीं अब टूट न जाए आस,
जैसे भी हो अब तो तुमको देवा करना है कमाल,
अब विनती सुन लो गणपति देवा ।।
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