नर्मदा मैया की आरती: नर्मदा मैया की आरती खास तौर पर नर्मदा जयंती के अवसर पर, महाशिवरात्रि के अवसर पर नर्मदा नदी के तट पर या नर्मदा माता के मंदिर में सूर्यास्त के समय या शाम के समय गाई जाती है। यह आरती नर्मदा मैया की महिमा और उनकी कृपा को दर्शाती है, नर्मदा मैया की आरती गाने से व्यक्ति को आत्मिक शांति और मानसिक सुकून मिलता है। यह आरती नर्मदा मैया की पूजा और आराधना के लिए गाई जाती है, जो व्यक्ति को जीवन की हर इच्छा पूरी करने में मदद करती है। नर्मदा मैया की आरती के बोल इस प्रकार हैं:
श्री माँ नर्मदा देवी - रेवा मैया जी की आरती
ॐ जय जगदानन्दी मैया जय आनंद कन्दी ।
ब्रम्हा हरि हर शंकर रेवा शिव हरि शंकर रुद्री पालन्ती ।।
ॐ जय जगदानन्दी मैया...।।
देवी नारद शारद तुम वरदायक, अभिनव पदचंण्डी।
सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि शारद पदवन्ती ।।
ॐ जय जगदानन्दी मैया...।।
देवी धूमक वाहन राजत वीणा वादयन्ती ।
झूमकत झूमकत झूमकत झननन झननन रमती राजन्ती ।।
ॐ जय जगदानन्दी मैया...।।
देवी बाजत ताल मृदङ्गा सुरमण्डल रमती।
तोड़ीतान तोड़ीतान तोड़ीतान तुरड़ड़ तुरड़ड़ रमती सुरवन्ती ।।ॐ जय जगदानन्दी मैया...।।
देवी सकल भूवन पर आप विराजत निशदिन आनन्दी।
गावत गंगाशंकर, सेवत रेवा शंकर तुम भव मेटन्ती ।।
ॐ जय जगदानन्दी मैया...।।
मैयाजी को कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती।
अमरकण्ट में विराजत, घाटन घाट कोटि रतन जोती ।।
ॐ जय जगदानन्दी मैया...।।
मैया जी की आरती निशदिन पढ़ि गावें, हो रेवा जुग जुग नर गावें।
भजत शिवानन्द स्वामी, जपत हरी हर मन वांछित फल पावें ।।
ॐ जय जगदानन्दी मैया...।।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें