श्री माँ तुलसी देवी जी की आरती विशेष कर, माँ तुलसी की पूजा में, तुलसी विवाह और कार्तिक माह में, माँ तुलसी की आरती का श्रवण विशेष रूप से किया जाता है।
तुलसी माता जी की दो आरती प्रचलित है । वह कुछ इस प्रकार हैं आईए पढ़ते हैं ।
(१) जय जय तुलसी माता आरती लिखित में
(२) तुलसी महारानी नमो नमो आरती लिखित में
जय जय तुलसी माता आरती लिखित में - (Tulsi Mata Aarti Lyrics)
ॐ जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता
सब जग की सुखदाता सबकी वर माता ।
ॐ जय....
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर,
रुज से रक्षा करके, सबकी भव त्राता ।
ॐ जय....
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या,
विष्णु प्रिये को जो सेवे, सो नर तर जाता ।
ॐ जय....
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित,
पतित जनों की तारिणि, तुम हो विख्याता ।
ॐ जय.....
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में,
मानव लोक तुम्हीं से सुख संपत्ति पाता ।
ॐ जय....
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वरण सुकुमारी,
प्रेम अजब है श्री हरि का हो तुम से कैसा नाता ।
ॐ जय.....
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता,
ॐ जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता
सब जग की सुखदाता सबकी वर माता ।
ॐ जय....
तुलसी महारानी नमो नमो आरती लिखित में - (Tulsi Maharani Namo Namo - Tulsi Aarti Lyrics)
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो नमो ।
धन तुलसी पूरण तप कीनो,
शालिग्राम बनी पटरानी ।
जाके पत्र मंजरी कोमल,
श्री पति कमल चरण लपटानी ।।
तुलसी महारानी नमो नमो,
हरि की पटरानी नमो नमो ।
धूप-दीप-नवैद्य आरती,
पुष्पन की वर्षा बरसानी ।
छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन,
बिन तुलसी हरि एक ना मानी ।।
तुलसी महारानी नमो नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
सभी सखी मैया तेरो यश गावें,
भक्तिदान दीजै महारानी ।
नमो नमो तुलसी महारानी,
तुलसी महारानी नमो नमो ।।
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो नमो ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें