आज की रात रुक जाना गजानन हमरी नगरिया में,
हमरी नगरिया में, हमरी नगरिया में,
आज की रात रुक जाना गजानन हमरी नगरिया में
हमरी नगरिया में नदियां बहुत हैं,
हमरी नगरिया में नदियां बहुत हैं,
चरण धुला के चले जाना गजानन हमरी नगरिया में,
आज की रात रुक जाना गजानन हमरी नगरिया में,
हमरी नगरिया में बगिया बहुत है,
हमरी नगरिया में बगिया बहुत है,
माला पहन के चले जाना गजानन हमरी नगरिया में,
आज की रात रुक जाना गजानन हमरी नगरिया में,
हमरी नगरिया में मिठाईयां बहुत है,
हमरी नगरिया में मिठाईयां बहुत है,
भोग लगा के चले जाना गजानन हमरी नगरिया में,
आज की रात रुक जाना गजानन हमरी नगरिया में,
हमरी नगरिया में भक्त बहुत है,
हमरी नगरिया में भक्त बहुत है,
भजनों को सुन के चले जाना गजानन हमरी नगरिया में,
आज की रात रुक जाना गजानन हमरी नगरिया में,
आज की रात रुक जाना गजानन हमरी नगरिया में
भजन - आज की रात रुक जाना गजानन
गाने की जानकारी:-
शीर्षक - आज की रात रुक जाना गजानन हमारी नगरिया में
गायक - शीला कल्सन
संगीत - कुलदीप माली आला
गीतकार एवं संगीतकार - पारंपरिक,
लेबल - गीत मिठास
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