हे गोपाल कृष्ण करूं आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करूं आरती तेरी,
तुझ पे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं,
सांझ सबेरे, तेरे गुण गाऊं,
प्रेम मैं रंगी मैं रंगी, भक्ति में तेरी,
हे गोपाल कृष्ण करूं आरती तेरी,
ये माटी का तन है तेरा,
मन और प्राण भी तेरे,
मैं एक गोपी तुम हो कन्हैया,
तुम हो भगवन मेरे,
कृष्ण कृष्ण कृष्ण रटे आत्मा मेरी,
हे गोपाल कृष्ण करूं आरती तेरी,
ओ कान्हा तेरा रूप है अनुपम,
मन को हरता जाये,
मन ये चाहे, हर पल अंखियां,
तेरा दर्शन पाए,
दर्श तेरा प्रेम मेरा आस है मेरी,
हे गोपाल कृष्ण करूं आरती तेरी,
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