मैया भक्तों ने घेर लई अकेले भवन चली,
गोरे गोरे मुखड़े पे लाल लाल बिंदिया,
सिंदूर से माँग भरी अकेले भवन चली,
मैया भक्तों ने घेर लई अकेले भवन चली,
गले मैया के हार और माला,
बीच में चंपा कली अकेले भवन चली,
मैया भक्तों ने घेर लई अकेले भवन चली,
गोरे गोरे हाथों में लाल हरी चूड़ी,
ऊपर से मेंहदी लगी अकेले भवन चली,
मैया भक्तों ने घेर लई अकेले भवन चली,
गोरे गोरे पैरों में बजनी सी पायल,
ऊपर से महावर लगी अकेले भवन चली,
मैया भक्तों ने घेर लई अकेले भवन चली,
गौरी से भोले कहने लगे है,
सज धज के कंधों चली अकेले भवन चली,
मैया भक्तों ने घेर लई अकेले भवन चली,
भोले से गौरी कहने लगी है,
संकट को हरने चली अकेले भवन चली,
मैया भक्तों ने घेर लई अकेले भवन चली,
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